Description
क्या होता है स्फटिक माला?
स्फटिक माला को सफेद बिल्लौर भी कहा जाता है। अंग्रेज़ी में रॉक क्रिस्टल, संस्कृत में सितोपल, शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि कहते हैं। स्फटिक बर्फ के पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़े के रूप में पाया जाता है। कहते हैं कि यह सिलिकॉन और ऑक्सीज़न के एटम्स के मिलने से बनता है। यह बर्फ के समान पारद#रॉक क्रिस्टल, #सितोपल #शिवप्रियर्शी और सफेद होता है।
स्फटिक माला के लाभ
- यदि आपको अपने प्रयासों और मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा है, तो यह चमत्कारिक स्फटिक की माला आपके प्रयासों को सफल बना सकती है।
- नाम, पैसा और शोहरत कमाने के लिए यह माला बहुत लाभकारी और असरकारी उपाय है। मां लक्ष्मी की कृपा से इस माला के प्रभाव से व्यक्ति को खूब पैसा मिलता है।
- मां लक्ष्मी से संबंधित होने के कारण इस माला को पहनने से धन की प्राप्ति होती है। आर्थिक तंगी, कर्ज से मुक्ति और धन की कमी दूर करने के लिए इस माला को पहना जाता है।
- गरीबी दूर करने के लिए भी यह माला पहनी जाती है।
- इसे पहनने से सेहत में भी सुधार आता है और परिवार में भी खुशहाली आती है। यदि आपके घर में क्लेश और लड़ाई-झगड़ा रहता है, तो स्फटिक की माला अपने शुभ प्रभाव से आपके घर-परिवार में खुशहाली ला सकती है।
- मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने का सबसे सरल उपाय है स्फटिक की माला धारण करना।
स्फटिक की माला पहनने के नियम
- इस माला को धारण करने के बाद किसी खास नियम का पालन करना नहीं होता है। आप इससे मां लक्ष्मी या अन्य किसी देवी-देवता के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
स्फटिक की माला किस दिन पहनें
- मां लक्ष्मी को शुक्रवार का दिन समर्पित होता है इसलिए स्फटिक की माला को शुक्रवार के दिन ही धारण करना चाहिए।
स्फटिक की माला कैसे धारण करें
- शुक्रवार के दिन स्फटिक माला को धारण किया जाता है। शुक्रवार को सुबह स्नान करने के बाद घर के पूजन स्थल में बैठ जाएं और स्फटिक की माला को रखकर उस गंगाजल छिड़कें। अब 108 बार ‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्रर्नाम नामत:।।’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद आप स्फटिक की माला को धारण कर सकते हैं।
स्फटिक की माला किस राशि को पहनना चाहिए
- ऐसा नहीं है कि केवल कुछ राशि के लोग ही स्फटिक की माला पहन सकते हैं। कोई भी व्यक्ति देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए इस माला को धारण कर सकता है।
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